Some lines I came across recently--
जवानिओं में जवानी को धूल करते हैं,
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं ।
अगर अनारकली है सबब बग़ावत का,
सलीम, हम तेरी शर्तें कबूल करते हैं ।।
जवानिओं में जवानी को धूल करते हैं,
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं ।
अगर अनारकली है सबब बग़ावत का,
सलीम, हम तेरी शर्तें कबूल करते हैं ।।
By Raahat Indori...
इक लफ्ज़-ए-मोहब्बत का अदना सा फ़साना है,
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़, फैले तो ज़माना है ।।
No comments:
Post a Comment