हिजाबे फित्ना-परवर, अब उट्ठा लेती तो अच्छा था
खुद अपने हुस्न को पर्दा बना लेती तो अच्छा था
तेरी नीची नज़र खुद, तेरी इस्मत की मुहाफिज़ है
तू इस नश्तर की तेजी आज़मा लेती तो अच्छा था
तेरे माथे पे ये आँचल बहुत ही खूब है लेकिन
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था
Word meanings: (हिजाबे फित्ना-परवर-- veil of revolution), नश्तर -- kind of knife
A ghazal by some Lucknawi shayar ;)
3 comments:
abe ye tune likha hai ya kahi se thoda inspired hai ya poora inspired hai !!
bhai... ye poora inspired hai... Shayar ka naam nahi mila else wud have put ;)
Bahut achchha laga dost...
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