हम किस गली जा रहे हैं ।
हम किस गली जा रहे हैं ।
अपना कोई ठिकाना नही ।
अपना कोई ठिकाना नही ।
अरमानों की अंजुमन में ।
बेसुध हैं अपनी लगन में ।
अपना कोई फ़साना नहीं ।
अपना कोई फ़साना नहीं ।
इक अजनबी सा चेहरा, रहता है मेरी नज़र में ।
इक दर्द आके ठहरा, दिन रात दर्द-ए-जिगर में ।
इक अजनबी सा चेहरा, रहता है मेरी नज़र में ।
इक दर्द आके ठहरा, दिन रात दर्द-ए-जिगर में
जागी है कैसी तलब सी,
ये आरज़ू है अज़ब सी ।
लेकिन किसी को बताना नहीं,
लेकिन किसी को बताना नहीं ।
हम किस गली जा रहे हैं ।
हम किस गली जा रहे हैं ।
अपना कोई ठिकाना नहीं ।
अपना कोई ठिकाना नहीं ।
बेताबियां हैं पल पल, छाया ये कैसा नशा है ।
खामोशियों में सदा, होश भी गुम-शुदा है ।
बेताबियां हैं पल पल, छाया ये कैसा नशा है ।
खामोशियों में सदा, होश भी गुम-शुदा है ।
दर दर क्या घूमता है मस्ती मे क्यों झूमता है ।
दीवान-ए-दिल ने जाना नही ।
दीवान-ए-दिल ने जाना नही ।
हम किस गली जा रहे हैं ।
हम किस गली जा रहे हैं ।
अपना कोई ठिकाना नहीं ।
अपना कोई ठिकाना नहीं ।
By Atif Aslam in his new album "Doorie".
ऑफ़िस की प्रोग्रामिंग्स, मीटिंग्स, रिपोर्ट्स और जिन्दगी की भागमभाग से दूर कुछ क्षण अपनी प्रिय कवितावों, शायरी और गज़लों के साथ ।
Tuesday, January 16, 2007
Friday, January 12, 2007
ahsaas by Atif Aslam..
मैं इक फ़र्द हूँ, या इक अहसास हूँ ।
मैं इक ज़िस्म हूँ, या रुह की प्यास हूँ ।
कि सच की तलाश है, दूर आकाश है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
कि सच की तलाश है, दूर आकाश है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
मैं इक फ़र्द हूँ, या इक अहसास हूँ ।
मैं इक ज़िस्म हूँ, या रुह की प्यास हूँ ॥
By Atif Aslam in from his new album "doorie". Almsot all the songs are very good I liked "Hum kis galli jaa rahe hain", "doorie" and "ahsaas" most. Keep rocking Atif!!
मैं इक ज़िस्म हूँ, या रुह की प्यास हूँ ।
कि सच की तलाश है, दूर आकाश है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
कभी मैं अम रहूँ, कभी बे-अम रहूँ ।
गर तुझमे नही, तो फ़िर मैं महल हूँ ।
कि सच कि तलाश है, दूर आकाश है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
कि सच की तलाश है, दूर आकाश है ।
मन्जिल पास नही, क्या तू मेरे पास है ।
मैं इक फ़र्द हूँ, या इक अहसास हूँ ।
मैं इक ज़िस्म हूँ, या रुह की प्यास हूँ ॥
By Atif Aslam in from his new album "doorie". Almsot all the songs are very good I liked "Hum kis galli jaa rahe hain", "doorie" and "ahsaas" most. Keep rocking Atif!!
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