आगाज़ तो होता है, अंजाम नहीं होता ।
जब मेरी कहानी में, वो नाम नही होता ।
जब ज़ुल्फ़ की क़ालिख़ में, गुल जाए कोई राही ।
बदनाम सही लेकिन, गुमनाम नही होता ।
हँस हँस के जवाँ दिल के हम, क्यों ना चुने टुकडे ।
हर शख़्स की क़िस्मत में, ईनाम नही होता ।
बहते हुए आँसूं ने, आँखों से कहा थम कर ।
जो मय से पिघल जाए, वो जाम नही होता ।
दिन डूबे हैं या डूबी है बारात लिए कश्ती,
साहिल पे मगर कोई कोहराम नही होता ।
जब मेरी कहानी में, वो नाम नही होता ।
Written by very beautiful actress but not so famous for her Shayaris Meena Kumari.